आज दिनांक 17 दिसंबर 2020 दिन गुरुवार को बिहार राज्य अंतर्गत पश्चिम चम्पारण जिले के योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बगहीं बाजार में किसानों के समर्थन में ढोल नगाड़ों से जागरूकता अभियान चलाने और समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन परिवार के सदस्यों ने किया अभ्यास।
आगे मुमताज़ अहमद ने कहा कि जब हम अपने फसलों को नुक्सान पहुंचाने वाले जानवरों को खेतों से भगाने के लिए रातों को ढोल नगाड़ों को बजा सकते हैं तो अन्नदाता किसानों के समर्थन में ढोल और नगाड़े बजाकर लोगों को इकट्ठा करने और किसानों के महत्त्वपूर्ण मांगों में उचित मूल्य समर्थन एवं अन्य समस्याओं के समर्थन हेतु विभिन्न प्रकार के अन्नदाता किसानों के भावनाओं को आहत करने वाले कानून व्यवस्था की निन्दा करते हुए कई महत्वपूर्ण साधनाएं मुहैया कराने पर जोर दिया गया।
समीक्षात्मक बैठक में अजय कुमार यादव, दुध और ईंट व्यवसयी ( नॉर्थ-ईस्ट ज़ोन मिडिया समन्यवक ), मनोज मुखिया ( गन्ना उत्पादन किसान ), रफीक आलम ( कपास उत्पादन किसान ), फिरोज आलम ( जुट उत्पादन किसान ), चुन्नु आलम ( गेहूं उत्पादन किसान ), मुमताज़ अहमद ( मक्का, बाजड़ा, पटूआ और धान उत्पादन किसान ) अन्य कई तरह के किसान उपस्थित रहे।
आगे मुमताज़ अहमद ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से औद्योगिकरण के नामों पर खेतीहर किसानों के खेती करने वाले उपजाऊ भूमि अधिग्रहण कर खेतों और किसानों की घोर उपेक्षा हुई है।
जिसका परिणाम यह है कि गांव उजड़ते जा रहे हैं तथा शहरों में गगनचुम्बी इमारतें बनती जा रहीं हैं।
आज देश का किसान कृषि क़ानून के विरोध में कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर बैठने को मज़बुर हैं किसी को भी उनकी परेशानियां नहीं दिखती, हर मामले में स्वतः संज्ञान लेने वाला सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग भी आंखें बंद किए बैठा है !
कब जागेंगे वो लोग जो जरा सी आलोचना पर हिन्दू मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद करने वाले गोदी मिडिया के दल्ले और डिबेट करने वाले अंधभक्त।
अगर अन्नदाता किसान ही नहीं रहे तो देश और मानव संसाधन का विनाश तय है।
आगे मुमताज़ अहमद ने कहा कि :-
किसानों को जगाएं और ,
देश का स्वाभीमान बचाएं,
किसान देश और दुनिया के धड़कन और जान हैं।
हम तो अन्नदाता किसानों का समर्थन कर रहे हैं और आप .....?????