_विशेष संवाददाता बगहा - रामनगर पश्चिम चंपारण_
_दिनांक:- 22-10-2025_
जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनुमंडल प्रशासन, बगहा ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रामनगर प्रखंड के सात जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) विक्रेताओं के खिलाफ खाद्यान्न गबन के गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्रशासन की जांच में यह खुलासा हुआ कि इन विक्रेताओं ने लाभुकों को राशन बांटे बिना सरकारी अनाज का उठाव कर लिया था और करोड़ों रुपये मूल्य का अनाज गायब कर दिया।
अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा श्री गौरव कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा की गई गहन जांच के आधार पर की गई है। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि संबंधित विक्रेताओं ने सरकारी खाद्यान्न का उठाव तो किया, लेकिन वितरण सूची में दर्ज लाभुकों को अनाज नहीं दिया गया। इससे सरकार को भारी आर्थिक क्षति हुई और पात्र लाभुकों को उनका हक नहीं मिल पाया।
*जांच में सामने आए आरोपित विक्रेताओं की सूची :*
1. रामचन्द्र राम, पंचायत डैनमरवा — खाद्यान्न गबन 107 क्विंटल, एफआईआर संख्या 617
2. मनोज केशरी, नगर परिषद क्षेत्र — खाद्यान्न गबन 526 क्विंटल, एफआईआर संख्या 618
3. प्रभु पंडित, पंचायत सोहशा — खाद्यान्न गबन 688 क्विंटल, एफआईआर संख्या 619
4. अवध किशोर राव, पंचायत तौलहा — खाद्यान्न गबन 432 क्विंटल, एफआईआर संख्या 620
5. एजाज अहमद, नगर परिषद क्षेत्र — खाद्यान्न गबन 274 क्विंटल, एफआईआर संख्या 621
6. महबूब आलम, पंचायत डैनमरवा — खाद्यान्न गबन 850 क्विंटल, एफआईआर संख्या 622
7. संजीत कुमार राव, पंचायत तौलहा — खाद्यान्न गबन 421 क्विंटल, एफआईआर संख्या 623
*सभी विक्रेताओं के लाइसेंस पहले ही रद्द*
एसडीओ गौरव कुमार ने बताया कि इन सभी विक्रेताओं के लाइसेंस अनियमितता की प्रारंभिक पुष्टि के बाद ही रद्द कर दिए गए थे। इसके बावजूद जब अंतिम जांच में खाद्यान्न वितरण में भारी गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा की पुष्टि हुई, तब इन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है।
उन्होंने कहा कि जन वितरण प्रणाली में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी बल्कि गबन की राशि की वसूली भी सुनिश्चित की जाएगी।
*प्रशासन की सख्ती से हड़कंप*
इस कार्रवाई के बाद पूरे रामनगर प्रखंड में पीडीएस विक्रेताओं के बीच हड़कंप मच गया है। अनुमंडल प्रशासन की टीम अब अन्य विक्रेताओं के रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी और विक्रेता के खिलाफ भी गड़बड़ी के प्रमाण मिलते हैं, तो उसके विरुद्ध भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों और लाभुकों ने अनुमंडल प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि ऐसे कदमों से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और गरीब परिवारों को समय पर राशन मिल सकेगा।
*जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता पर जोर*
एसडीओ गौरव कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता यह है कि पात्र लाभुकों को बिना भेदभाव उनका अधिकार प्राप्त हो। “जन वितरण प्रणाली गरीब तबके की जीवनरेखा है, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार स्वीकार्य नहीं होगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए ई-राशन ट्रैकिंग सिस्टम और लाभुक सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है।


