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*राष्ट्रीय महिला दिवस ज्ञान का शबब: डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य*

 


*पश्चिम चंपारण (मुरारी कुमार):* 

 राष्ट्रीय महिला दिवस हैं जो देश के महान महिला क्रांतिकारी ,कवियत्री, बहु भाषाविद, कानपुर कॉंग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षा (प्रथम भारतीय महिला) ,समेत देश के स्वंतत्रता के प्रथम महिला राज्यपाल (उ०प्र०)भारतीय लोगों के प्रेरणा स्रोत, भारत की बुलबुल उपाधि से सम्मानित सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इस अवसर इन्हें हम शत शत बारंबार नमन करते हैं। उक्त बातें ए०के०एम०टी०टी० कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव ने महाविद्यालय में अपने सभी कॉलीग्स और महाविद्यालय के प्रशिक्षणार्थियों से कही और श्रद्धा सुमन अर्पित किया।  

उन्होंने कहा कि यह हमारे देश और इतिहास के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है जहां महिला एक शशक्त रूप में प्रस्तुत होती हैं। डॉ साहब ने स्पष्ट करते हुए कहा कि नारी को अबला समझने वाले का अंत निश्चित ही होता है। आज नही तो कल इन्हें समय से पूर्व ही काल के गाल में समा जाना पड़ता है। हमारे देश मे आदिकाल से ही नारियों की पूजा की जाती है, जितनी भी शक्ति की स्वरूप हैं वो नारियां ही हैं। नारी दुर्गा है,नारी काली है इससे यह स्पष्ट होता है कि नारी शक्ति की स्वरूप है। नारी सरस्वती है, नारी अनसुइया है- इससे यह स्पष्ट होता है कि नारी ज्ञान और दृढ़ संकल्पित है। जिस देश मे नारी को ऊपर का दर्जा दिया जाता है, बेशक वह देश महान की श्रेणी में आता है। भले ही यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि यदा कदा हमारी बेटीयों के संग कोई अप्रिय घटना हो जाती है लेकिन हमें इन सभी बुराइयों को दरकिनार करके अच्छाइयों को फैलाने चाहिए, तब हम सम्राट अशोक के द्वारा देखे गए सपने को साकार कर पाएंगे। जब नारी को संम्मान देंगे और अपने देश के बेटियों के समक्ष जब महान महिला विदुषी सरोजिनी नायडू का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा।

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